RBI एक बार फिर घटाएगा ब्याज दर ? SBI रिसर्च का इस बारे में क्या है अनुमान
SBI Research Report :
देश की खुदरा महंगाई
दर घटकर मई में 2.82% रह
गई. तो क्या RBI अगस्त
में एक बार फिर से ब्याज दर घटा सकता है? इस सवाल पर एसबीआई रिसर्च का क्या कहना है?
SBI Research Report :
देश में खुदरा महंगाई दर यानी सीपीआई में तेजी से गिरावट देखने को मिल रही है. मई 2025 में यह घटकर 2.82% रह गई, जो बीते 75 महीनों का सबसे निचला स्तर है. इसके पीछे मुख्य वजह खाने-पीने की चीजों खासकर सब्जियों और दालों की कीमतों में आई भारी गिरावट है.
अब
बड़ा सवाल यह है कि जब महंगाई इतनी तेजी से काबू में आ रही है, तो क्या अगस्त में आरबीआई एक और बार ब्याज दरों में कटौती
कर सकता है? इस पर एसबीआई रिसर्च
की रिपोर्ट ने कुछ अहम संकेत दिए हैं.
महंगाई में गिरावट के पीछे क्या है वजह
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट (SBI Research Ecowrap) के मुताबिक मई में सब्जियों की कीमतों में 13.7% और दालों में 8.2% की गिरावट देखने को मिली.
मांस-मछली और मसालों के दाम में भी कमी आई है. हालांकि कुछ चीजों जैसे फल, पर्सनल केयर और ऑयल एंड फैट्स की कीमतें अभी भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं.
खासकर खाने के तेलों (Edible Oils) की महंगाई 17.9% पर है, जो
38
महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है.
कोर महंगाई अब भी ऊंचाई पर
खुदरा महंगाई दर में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन कोर इंफ्लेशन यानी खाने-पीने और फ्यूल को छोड़कर बाकी चीजों की महंगाई दर अब भी ऊंचे स्तर पर बनी हुई है.
मई में कोर महंगाई दर (Core Inflation) 4.2% रही, जो पिछले 19 महीनों में दूसरी सबसे ऊंची दर है.
यह आरबीआई के लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि
ब्याज दरों पर फैसले में कोर महंगाई अहम भूमिका निभाती है.
राज्यों में महंगाई का हाल
अक्टूबर 2024 में जहां देश के 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में महंगाई दर 4% से ऊपर थी, वहीं मई 2025 तक ऐसे राज्यों की तादाद घटकर सिर्फ 6 रह गई.
हालांकि गोवा और केरल जैसे राज्यों में महंगाई अभी भी ज्यादा है. मई में गोवा की महंगाई दर 6.82% और केरल की 6.46% रही.
दिलचस्प बात यह है कि देश के 18 राज्यों में ग्रामीण इलाकों की महंगाई, ऑल इंडिया रूरल CPI से ज्यादा है और 19 राज्यों में शहरी महंगाई राष्ट्रीय औसत से ऊपर है.
क्या फिर घटेगी ब्याज दर?
एसबीआई रिसर्च का मानना है कि अगर महंगाई इसी तरह नियंत्रण में रही, तो जुलाई 2025 तक यह 2% या उससे भी नीचे जा सकती है.
इससे रिजर्व बैंक के पास ब्याज दर में और कटौती करने का मौका बनेगा. जून 2025 में पहले ही 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की जा चुकी है और महंगाई के ताजा आंकड़े इसे सही भी ठहराते हैं.
अब बैंकिंग सिस्टम में तेजी से रेट ट्रांसमिशन की उम्मीद है, जिससे कर्ज सस्ता हो सकता है.
RBI का अगला कदम क्या हो सकता है?
एसबीआई की रिपोर्ट में जाहिर अनुमान के मुताबिक फिलहाल तो यही लग रहा है कि दिसंबर 2025 तक आरबीआई कोई नया रेट एक्शन नहीं लेगा.
लेकिन साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि बहुत
कुछ इस बात पर निर्भर है कि आने वाले दिनों में आंकड़े कैसे रहते हैं. रिपोर्ट में
FY26
के लिए औसत महंगाई दर 3.3% से 3.5% रहने
का अनुमान जताया गया है, जो कि
आरबीआई के 3.7% अनुमान
से कम है.
कुल मिलाकर असर क्या होगा?
महंगाई में कमी से आम लोगों को राहत मिल रही है और इसका असर कर्ज की ब्याज दरों पर भी दिखने की उम्मीद है. अगर अगस्त में आरबीआई फिर से ब्याज दरों में कटौती करता है, तो होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की EMI और कम हो सकती है.
इससे बाजार में खर्च और निवेश दोनों बढ़
सकते हैं,
जो अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में मदद करेगा.
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