न सोना, न
चांदी,
क्या है ये चीज, कम होती महंगाई में बढ़ रहे इसके रेट, लोग फिर भी खुश!
भारत का बॉन्ड बाजार महंगाई में गिरावट और RBI की ब्याज दर कटौती की उम्मीदों से आकर्षक बना है. जेफरीज के
अनुसार,
भारतीय बॉन्ड्स ने अमेरिकी बॉन्ड्स से 51% बेहतर रिटर्न दिया है.
हाइलाइट्स
भारत का बॉन्ड बाजार महंगाई में गिरावट से आकर्षक बना है.
भारतीय बॉन्ड्स ने अमेरिकी बॉन्ड्स से 51% बेहतर रिटर्न दिया है.
RBI की ब्याज दर कटौती की उम्मीद से निवेशकों का रुझान बढ़ा है.
नई दिल्ली. भारत का बॉन्ड बाजार इन दिनों जबरदस्त प्रदर्शन
कर रहा है. इसकी वजह है देश में लगातार कम हो रही महंगाई और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीद. ग्लोबल ब्रोकरेज
फर्म जेफरीज (Jefferies) ने अपनी
हालिया रिपोर्ट में कहा है कि इन वजहों से भारत के बॉन्ड अब ज्यादा आकर्षक बन गए
हैं और निवेशकों का रुझान तेजी से इस ओर बढ़ रहा है.
बीते वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की औसत महंगाई दर 4.6 प्रतिशत थी. लेकिन अप्रैल 2025 में यह गिरकर 3.2 फीसदी पर आ गई, जो जुलाई 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है. यह गिरावट बताती है कि देश
में कीमतों पर नियंत्रण है और लोगों की जेब पर कम बोझ पड़ रहा है. जेफरीज का कहना
है कि अब रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में कटौती का बड़ा मौका है जिससे आर्थिक
विकास को रफ्तार मिल सकती है.
ब्याज दरों में अब तक 50 बेसिस पॉइंट की कटौती
रिजर्व बैंक ने अब तक 50 आधार अंकों यानी 0.50 प्रतिशत की कटौती की है. जेफरीज को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक RBI 75 बेसिस प्वाइंट की और कटौती कर सकता है. इससे बाजार में
पूंजी की उपलब्धता बढ़ेगी और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. इस बदलाव से खासकर लंबे
समय के लिए निवेश करने वालों को बड़ा फायदा हो सकता है, क्योंकि उन्हें भारत के सरकारी बॉन्ड्स से ज्यादा मुनाफा
मिल रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका जैसे विकसित देशों के मुकाबले भारत
के बॉन्ड बेहतर रिटर्न दे रहे हैं.
अमेरिकी बॉन्ड से 51% बेहतर रिटर्न
जेफरीज के मुताबिक, अप्रैल 2020 से भारत के 10 साल के सरकारी बॉन्ड्स ने डॉलर के लिहाज से अमेरिका के 10 साल के ट्रेजरी बॉन्ड की तुलना में 51 प्रतिशत ज्यादा रिटर्न दिया है. यह अंतर बताता है कि भारत
का बॉन्ड बाजार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कितना मजबूत हो गया है.
भारत का 15
साल का बॉन्ड सबसे बड़ी होल्डिंग
जेफरीज एक ग्लोबल सॉवरेन बॉन्ड पोर्टफोलियो को ट्रैक करता
है जिसमें भारत का 15 साल का
सरकारी बॉन्ड सबसे बड़ी होल्डिंग है. यह पोर्टफोलियो का 25 प्रतिशत हिस्सा है. इस बॉन्ड पर फिलहाल 6.38 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है, जो भारतीय फिक्स्ड इनकम मार्केट में निवेशकों के भरोसे को
दर्शाता है. यह स्थिति बताती है कि अब निवेशक अमेरिका और यूरोप जैसे G7 देशों के सरकारी बॉन्ड्स की बजाय भारत जैसे उभरते बाजारों
की ओर तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं.
क्यों पसंद आ रहे हैं भारतीय बॉन्ड?
जेफरीज ने बताया कि भारत के बॉन्ड्स में निवेश इसलिए बढ़
रहा है क्योंकि यहां महंगाई कम है, ब्याज दरें आकर्षक हैं और रुपए की स्थिति भी मजबूत बनी हुई
है. इसके अलावा, भारत की अर्थव्यवस्था
स्थिर है और यहां हाई यील्ड का मौका मिल रहा है. G7 देशों के बॉन्ड्स में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा हो गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को अब स्थिर और भरोसेमंद
विकल्प की तलाश है. भारत इस जरूरत को अच्छी तरह से पूरा कर रहा है.
भारत बना निवेशकों का भरोसेमंद डेस्टिनेशन
जेफरीज की रिपोर्ट इस बात की ओर इशारा करती है कि दुनिया की
वित्तीय प्रणाली में बदलाव हो रहा है. अमेरिका और यूरोप जैसे पारंपरिक निवेश
बाजारों से हटकर अब निवेशक भारत जैसे नए विकल्पों को अपना रहे हैं. कम महंगाई, संभावित ब्याज कटौती और स्थिर करेंसी भारत के बॉन्ड्स को
ग्लोबल निवेशकों के लिए और भी ज्यादा आकर्षक बना रही है. भारत अब ना सिर्फ एक
उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, बल्कि एक
मजबूत और भरोसेमंद निवेश बाजार भी बन चुका है.
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